अलाह तलाह नही चाहता है, कि उसका कोई भी शख्स दोजक में जाए, इसलिए वो तरह तरह के पर्व और मौका को बनाया है, उसी में एक रात है, शब-ए-बारात” यह मुसलमानों का एक हम त्यौहार होता है, अल्लाह त्ल्लाह फरमाता है, अगर कोई सख्स इस रात को जागकर दुआ मांगता है तो मै उसके समुन्द्र के झाग जितना गुनाह को भी माफ़ कर दूंगा |
2024 शब-ए-बारात कब है?
इस बार 25 फ़रवरी 2024 के रात को शब-ए-बारात मनाया जायेगा, और उम्मीद है, आप सभी अपने गुनाहों का माफ़ी अल्लाह व त्ल्लाह से से मागेंगे और और अपने मरहूम के लिए दुआ करेंगे |
शब-ए-बारात क्या है?
हर इस्लामिक 8वे महीने के 15वी रात को हम शाबान के नाम से जानते है, और इसी रात को हम शब-ए-बारात मनाते है, शब का मतलब होता है, रात और बारात का मतलब होता है, बरी होना यानी आजाद होना | इस रात को अगर आप नेक दिल से अल्लाह से अपने गुनाहों को माफ़ी मांगेंगे तो आपको जरुर माफ़ी मिलेगी |
शब-ए-बारात को क्या इबादत करे?
दोस्तों किसी भी हदीस और कही भी ऐसा नही लिखा गया है, कि आपको शब-ए-बारात को क्या इबादत करना है, आप इस रात को बैठकर अपने गुनाहों को माफ़ी मांग सकते है, आप कुरान पढ़ सकते है, या फिर आप दुआ कर सकते है | आप अपने गुनाहों के लिए कुछ भी कर सकते है |
शब-ए-बारात से जुडी तथ्य
- शबे बारात, इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक हर साल शाबान महीने की 15वीं तारीख की रात को मनाई जाती है |
- सुन्नी मुसलमानों का मानना है कि इस पाक दिन अल्लाह के नूह के संदूक को बाढ़ से बचाया गया था |
- ऐसा माना जाता है कि शबे बारात की रात को सभी गुनाहों की माफी मिलती है |
- इस दिन जो अल्लाह को प्यारे हो चुके हैं, उनकी कब्र पर जाकर रात भर दुआ की जाती है |
- इस दिन हम तरह तरह के मिठाई बना कर उसे फातिहा करवाते है |
- इस रात को सोना हराम माना जाता है, इस रात में कुरान और दुआ पढनी चाहिए |
- इस रात को अल्लाह व तलाह हर मुर्दे को आजाद कर देता है |
- इस रात को अगर आप 3 बेर के पत्ते को गर्म पानी में डालकर नहाते है, तो आप सालो भर बुरी शक्ति से माफुज रहेंगे |
आपने क्या सिखा?
दोस्तों आज एक इस पोस्ट में आपने पढ़ा शब-ए-बारात क्यों मनाया जाता है, तो उम्मीद करता हूँ, ये पोस्ट आपको पसंद आया होगा, पोस्ट पसदं आया हो तो इसे शेयर करे और हमसे जुड़ने के लिए टेलीग्राम पर फॉलो करे |