कुर्बानी कि दुआ हिंदी में | Qurbani Ki Dua In Hindi

दोस्तों को भेजे

Qurbani Ki Dua In Hindi: ईद के बाद सब लोग कुर्बानी कि तैयारी में लग जाते है, कुर्बानी हम सब के लिए एक काफी अच्छा त्यौहार है, सब लोग कुर्बानी के दिन बकरा का फातिहा देते है |

कुर्बानी क्या है?

कुर्बानी एक सुन्नत है, जो अल्लाह त्ल्लाह ने हजरत इब्राहीम को परीक्षा लेते समय बनाया था, इसके जरिए हम अल्लाह को बताते है, ऐ मेरे अल्लाह हम तेर लिए हमेशा हाजिर है, इस दिन हम जानवर कि कुर्बानी देते है |

कुर्बानी कि दुआ हिंदी में (Qurbani Ki Dua In Hindi)

इन्नी वज्जहतु यलल्ल्जी फत रससमावती वल अरद हनिफव व मा अना मिनल मुशरिकिन इन्नास सलाती व नुसुकी व महया य व म माती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, ला शरीका लहू व बिजालिक उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्मा मिन क व लाक बिस्मिल्लाही अल्लाहु अकबर

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कुर्बानी के बाद कि दुआ इंग्लिश में (Qurbani Ki Dua In English)

Inni Wajjhatu Yallaji Fat Rassmawati Wal Arad Hanifaw Wa Maa Ana Minal Mushrikin Innas Slati Wa Nusuki Wa Mahya Yaw A Ma Maati Lillahi Rabbit Aalmin, Laa Sharika Lahu Wa Bijaalik Umiratu Wa Anna Minal Muslimin Allahumma Min Ka Wa Laak Bismllahi Allahu Akabar

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कुर्बानी के बाद कि दुआ हिंदी तर्जुमा |  Qurbani Ki Dua In Hindi

मै अपना मुह उसके तरह किया जिसने आसमान और जमीन को पैसा किया, मै इब्राहीम अलैहिस्सलाम कि मिल्लत पर हूँ, जो हनीफ और मुस्लिम थे, मै मुशरिको में से नही हु, बेशक मेरी नमाज, मेरी कुर्बानी, मेरी जिन्दगी और मेरी मौत सब अल्लाह तल्ला के लिए है, उसका कोई शरीक नही, मुझे इस बात का हुक्म दिया गया है, और मै सब से पहले फरमा बरदार हूँ, ऐ अलह ये कुर्बानी तेरी तौफीक से है, और तेरे लिए है |

कुर्बानी के बाद कि दुआ हिंदी में |  Qurbani Ki Dua In Hindi

“अल्लाहुमा तक्ब्ब्ल मिन्नी कमा तक्ब्ब्लता मिन खलिलेका इब्राहीम व हबिबेका मोहम्मद सलाहो अलैहि वसल्लम”

कुर्बानी के बाद कि दुआ हिंदी में |  Qurbani Ki Dua In English

Allahuma takbbl minni kama takbblta min khlileka Ibrahim wa habibeka mohmmad salaho aliahi wasllam

कुर्बानी क्यों मनाते है?

जब हमारे नबी सलाहों अलैहि वसलम से पूछा गया कि क़ुरबानी क्या है, तो हमारे नबी ने बताया यह इब्राहीम कि सुन्नत है, एक बार हुआ यूँ कि अल्लाह ने अपने प्यारे नबी हजरत इब्राहीम से परीक्षा ली और उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज कि कुर्बानी मांगी, हजरत इब्राहीम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे |

इसलिए उन्होंने अपने बेटे कि कुर्बानी देने का फैसला किया, और एक दिन का चयन हुआ जिस दिन हजरत इब्राहीम अपने बेटे का कुर्बानी देंगे वो दिन आ गया और सब तैयार थे, हजरत इब्राहीम का बेटा भी नहाकर तैयार हुआ, जब इब्राहीम अपने बेटे को कुर्बानी देने के लिए पहुचे |

और जैसे ही उनके गर्दन पर वार किया अल्लाह के हुक्म से उनका बेटा वहाँ से हट गया और एक बकरा वहाँ आ गया, अलाल्ह व त्ल्लाह बहुत खुस हुए और उस दिन का नाम उन्होंने कुर्बानी दे दिया तब से पूरी दुनिया में कुर्बानी को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा |

कुर्बानी किस किस जानवर कि दी जा सकती है?

बहुत सारे लोग ये देखते है, कि जानवर कि दांत निकली है या नही तभी वो कुर्बानी के लायक है, लेकिन असल में जानवरों कि उम्र देखनी चाहिए, अगर आप ऊंट कि क़ुरबानी दे रहे है, तो उसकी उम्र 5 साल कि होनी चाहिए, अगर आप गाय या भैस कि कुर्बानी दे रहे है, तो उसकी उम्र 2 साल और अगर आप किसी बकरा, दुम्मा या भेड़ कि कुर्बानी दे रहे है, तो उसकी उम्र 1 साल होना चाहिए |

आपने क्या सिखा

दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपने सिखा कुर्बानी कि दुआ (Qurbani Ki Dua In Hindi) तो उम्मीद करता हूँ, ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी, पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करे और हमसे जुड़े रहने के लिए whatsapp पर क्लिक करे |

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