Namaz Ka Tarika :- जैसे हर मुसलमान भाई दिन में 3 बार खाते है, समय पर सोते है, वैसे ही नमाज पढ़ना भी काफी जरूरी होता है, जो बच्चा 7 साल का हो जाता है, तो उसके माँ बाप का फर्ज होता है, कि वो अब उसे मस्जिद में नमाज पढने भेजे, लेकिन बहुत सारे ऐसे दोस्तों है, जिनको नमाज पढने नही आता है, तो आज मै उनके लिए लाया हूँ, नमाज का तरीका
नमाज क्या होता है?
नमाज अल्लाह का इबादत करने का एक तरीका है, जिसमे हम 5 वक्त नमाज़ अदा करते है, जो सख्स 7 साल का है, या उससे ज्यादा है, उनको नमाज पढ़ना जरूरी होता है, तो आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Namaz Ka Tarika
1 दिन में कितने नमाज पढ़ते है ?
दिन में 5 वक्त का नमाज पढ़ना फर्ज है, इसके अलावे भी बहुत प्रकार का नमाज पढ़ा जाता है, लेकिन ये 5 वक्त का नमाज पढना जरुरी है |
फजर :- यह नमाज सुबह में सूरज के निकलने से पहले पढ़ी जाती है, इसके लिए अजान दी जाती है |
जोहर :- यह नमाज दोपहर को अदा कि जाती है |
असर :- असर का नमाज दोपहर के बाद पढ़ी जाती है शाम से पहले |
मगरिब :- मगरिब का नमाज सूरज डूबने के वक्त यानी शाम में पढ़ी जाती है |
ईशा :- ईशा का नमाज हम रात्रि में सोने से पहले पढ़ते है |
नमाज कि रिकात
नमाज | सुन्नत | फर्ज | सुन्नत | नाफिल | वित्र | नाफिल | कुल रिकात |
फजर | 2 | 2 | 4 | ||||
जोहर | 4 | 4 | 2 | 2 | 12 | ||
असर | 4 | 4 | 8 | ||||
मगरिब | 3 | 2 | 2 | 7 | |||
ईशा | 4 | 4 | 2 | 2 | 3 | 2 | 17 |
नमाज का तरीका (Namaz Ka Tarika)
जहाँ भी नमाज पढ़े सबसे पहले बिस्मिल्लाह्हिर रहमानिर रहीम कहकर किबले कि तरफ मुह करके खड़ा हो जाए |
फिर जिस वक्त का नमाज पढ़ रहे है, और जितने रिकात नमाज पढ़ रहे हो उसका नियत करे (नियत करता हूँ दो रिकात नमाज फज्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
अल्लाहु अकबर कहते समय दोनों हाथो को कानो तक ले जाए |
फिर दोनों हाथो को निचे लाकर नाभि के पास बाँध ले |
हाथ बाँधने के बाद सन्ना पढ़े (सुभान क्ल्लाहुम्म व बिह्मिद्क व तबा रक्स्मुक व तआला जद्दुक वल्ला इलाक गैरूक)
इसके बाद आप तअव्व्जू (अवूज बिल्लाहि मिनशैतानिरज) और तसिम्या (बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम) पढ़े |
इसके बाद सूरह फातिहा पढ़े (और कोई कुरान कि एक सूरह भी पढ़ सकते है)
इसके बाद रुकू में जाए अल्लाहु अकबर कहकर (रुकू में सुभान रबिय्ल अजीम 3 बार बोले कम से कम)
इसके बाद रुकू से उठते समय (समीअल्लाहु लीमन हामिदह)
फिर इसके बाद सजदे में जाए (सजदे में सुभान रबियल अल्लाह पढ़े कम से कम 3 बार)
फिर अल्लाह हु अकबर कहकर घुटने तक बैठे |
फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदे में जाए (सजदे में सुभान रबियल अल्लाह पढ़े कम से कम 3 बार)
फिर अल्लाहु अकबर कहकर पूरा खड़े हो जाए
अब आपका 1 रिकात पूरा हो गया |
रिकात – 2 (Namaz Ka Tarika)
फिर आपको दोनों हाथ बांधकर खड़े हो जाना है और सुरह फातिहा पढ़ना है और कुरान कि कोई एक सूरह पढ़ना है |
फिर अल्लाहु अकबर कहकर कानो तक हाथ ले जाए ऐसा 3 बार करे (इसमें हाथ को छोड़ देना है, बांधना नही है)
फिर अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जाए (रुकू में सुभान रबियल अजीम पढ़े कम से कम 3 बार)
इसके बाद रुकू से उठते समय (समीअल्लाहु लीमन हामिदह)
फिर इसके बाद सजदे में जाए (सजदे में सुभान रबियल अल्लाह पढ़े कम से कम 3 बार)
फिर अल्लाह हु अकबर कहकर घुटने तक बैठे |
फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदे में जाए (सजदे में सुभान रबियल अल्लाह पढ़े कम से कम 3 बार)
फिर अल्लाहु अकबर कहकर घुटने के बल बैठ जाना है |
फिर अताहियत पढ़ना, दरूद इब्राहीम और फिर दुआ ए मासुरा पढ़ना है |
फिर आपको अस्लामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर सलाम फेर ले |
इसी तरह आप और चाहे तो आगे का 4, या 8 रिकात पढ़ सकते है |
नमाज के लिए नियत
आप जो भी नमाज पढ़ते है, उसके लिए नियत करना काफी जरूरी होता है, तो अब हम जानते है, नियत करने का तरीका |
फज्र कि नमाज का नियत
फज़र में कुल 4 रिकात होती है.
फज्र की दो रिकात सुन्नत
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ फज्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
फज्र की दो रिकात फ़र्ज़
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ फज्र की फज्र के अल्लाह त्ल्लाह के वास्ते मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जोहर कि नमाज का नियत
जोहर कि नमाज में कुल 12 रिकात होती है.
जोहर की चार रिकात सुन्नत
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जोहर की चार रिकात फर्ज
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ जुहर की फज्र वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जुहर की दो रिकात सुन्नत
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जुहर की दो रिकात नफिल
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ जुहर की नफिल वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
असर कि नमाज का नियत
असर में कुल 8 रिकात होती है.
असर की चार रिकात सुन्नत
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ असर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
असर की चार रिकात फर्ज
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ असर की फर्ज वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मगरिब कि नमाज का नियत
मगरिब के नमाज में कुल 7 रिकात होती है
मगरिब की तीन रिकात फर्ज
नियत की मैंने तीन रिकात नमाज़ मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मगरिब की दो रिकात सुन्नत
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मगरिब की दो रिकात नफिल
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ मगरिब की नफिल वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
ईशा कि नमाज का नियत
ईशा में कुल 17 रिकात होती है.
ईशा की चार रिकात सुन्नत
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज से पहले वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
ईशा की चार रिकात फर्ज
नियत की मैंने चार रिकात नमाज़ ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
ईशा की दो रिकात सुन्नत
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
ईशा की दो रिकात नफिल
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ ईशा की नफिल वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
वित्र की तीन रिकात वाजिब
नियत की मैंने तीन रिकात नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मस्जिद में दाखिल होने की दो रिकात सुन्नत
नियत की मैंने दो रिकात नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह त्ल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
नमाज में इस्तेमाल होनी वाली कुछ सूरह
सूरह फातिहा
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन अर रहमा नि रहीम
मालिकि यौमिद्दीन इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन
(अमीन)
सूरह नास
कुल आउजू बीरबी नास
मलिकिन नास इलाही नास
मिन शरिल वासवासिल खन्नास
अल्ल्जी वासविसू फी सुदुरिन नास मिनल जिन्नती वा नास
सूरह काफिरून
बिस्मिल्लाहिर्र रहमानिर रहीम
कुल या अयुहल काफिरून ला अअबुदु मा तअबुदुन
व ला अन्तुम आबिदु न मा अअबुदू व ला अ न आबिदुम माँ अबतुम
व ला अन्तुम आबिदु न मा आबुदु
लाकुम् दिन्कुम् व ली या दीन
नमाज से पहले ध्यान देनी वाली बाते
- अगर आप नमाज पढने जा रहे है, तो आपका शरीर पाक होना चाहिए |
- जब भी नमाज पढने जाए तो इरादे सही होनी चाहिए, नमाज पढने जाते वक्त आपके मन में अल्लाह के सिवा किसी और का विचार नही आना चाहिए |
- आप जब नमाज पढने जाए तो आपका कपड़ा भी पाक होना चाहिए |
- और आप जिस जगह पर नमाज पढ़े तो आपका जगह भी साफ़ होनी चाहिए |
आपने क्या सिखा?
दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपने सिखा नमाज का तरीका (Namaz Ka Tarika) तो उम्मीद करता हूँ, ये पोस्ट आपको पसंद आई होगी, पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे शेयर करे और हमसे जुड़े रहने के लिए whatsapp से जुड़े |
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