सुबह और शाम कि दुआ | Subah Ki Dua

दोस्तों को भेजे

Subah Ki Dua:- दोस्तों सुबह और शाम एक ऐसी समय होता है, उस समय फरिस्ते हमारे आस पास घूमते है, और कहा जाता है, सुबह और शाम कि दुआ अल्लाह व त्ल्लाह जल्द सुनता है, तो इसलिए आज के इस पोस्ट में मै आपको सुबह और शाम कि दुआ के बारे में बताने वाला हूँ |

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सुबह और शाम कि दुआ (Subah Ki Dua)       

बिस्मिल्लाहील्ल्जी ला यजूररू म-अरमिही शैउन फिल अर्ज वा फिस्स्मा वहुवरसमीवुल अलीम

सुबह और शाम कि दुआ का हिंदी तर्जुमा

बिस्मिल्लाहील्ल्जी ला यजूररू म-अरमिही शैउन फिल अर्ज वा फिस्स्मा वहुवरसमीवुल अलीम

अल्लाह के नाम से शुरू जिसके नाम से जमीन और असमान कि कोई चीज नुक्सान नही पहुंचा सकती है और वह खूब सुनने और जानने वाला है |

सुबह और शाम कि दुआ कि फ़ज़ीलत

हमारे नबी सल्लाहो  अलैहि व सलम ने फ़रमाया जो बन्दा रोज सुबह और शम को यह दुआ तीन पर पढ़े तो उस को कोई चीज नुकसान नही पंहुचा सकती |

सुबह और शाम कि दुआ (Subah Ki Dua)  

अल्लाहुम्म अन्त रबी लाइला ह इल्ला अन्तखलक तनी वआना अब्दु-क अवना अल्ला अदिक व वादिक मस्त तस्तु औजुबी क मिन शरीर माँ सन्स्तु अबुल ल क बिनी मती क अलीय व अबूउ बिज्म्बी फफिर ली फइन्न्हू ला यग्फीरूजजनूब इल्ला अन्त

सुबह और शाम कि दुआ हिंदी तर्जुमा (Subah Ki Dua) 

ऐ अल्लाह, तू मेरा रब है, तेरे सिवा कोई माबूद नही तूने ही मुझे पैदा किया है और मै तेरा बन्दा हूँ, और मै तेरे अहद और तेरे वादे पर अपनी ताकत के मुताबिक काइम हूँ और मै अपने किये हुए बुरे कामो से तेरी पनाह मांगता हु, मुझ पर तेरे जो अहसान है उसका मै इकरार करता हूँ और मै अपने गुनाह कबूल करता हूँ, क्योकि तेरे सिवा गुनाहों को बख्शने वाला कोई नही |

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शाम कि दुआ (Sham Ki Dua)

अजू कलिमातील्लाहीताम्माती मिन शर्री माँ खलक

तर्जुमा :- मै पनाह मांगता हूँ, अल्लाह के पुरे कलिमो के जरिए तमाम मखलूक कि बुराई सी |

आपने क्या सिखा?

दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपने सिखा सुबह और शाम कि दुआ (Subah Ki Dua) तो उम्मीद करता हूँ, ये पोस्ट आपको पसंद आया होगा, पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर करे और हमसे जुड़े रहने के लिए whatsapp से जुड़े |

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